रोहतास भ्रमण, बिहार
(भाग- 3)
दिनांक:- 24 सितंबर से 27 सितंबर 2020
स्थान- रोहतास जिला (बिहार)
पूरी यात्रा शुरू से पढ़ने के लिए यहाँ क्लिक करें
कशिश जलप्रपात
![](http://alokdeshpandey.com/wp-content/uploads/2020/10/Kashish-jalprapat-232x300.jpg)
![](http://alokdeshpandey.com/wp-content/uploads/2020/10/Kashish-jalprapat-232x300.jpg)
26 को सुबह उठने के बाद चाय पानी पी कर ही हमलोग वहाँ के लिए चल दिए। हमारे साथ एक और स्थानीय व्यक्ति हो लिए जिससे हम 2 बाइक पर 4 लोग हो गए। आगे अमझोर गाँव के पास एक तेलकप मोड़ था, वही से हमलोग दाहिने मुड़ गए और 2-4 किमी चलने के बाद दिखाई देने अद्भुद नजारा, वहाँ तीन ओर से ऊँचे-ऊँचे पहाड़ थे और करीब 3-4 झरने अलग जगहों से बहुत ऊँचाई से गिर रहे थे, हमलोग यहाँ कन्फ्यूज्ड हो गए थे कि कौन वाले झरने के पास जाना है और जाने रास्ता कहा से है। आखिर में कुछ स्थानीय लोगो से पूछताछ करने पर पता चला कि उनमें एक ही झरना के समीप जाने के लिए रास्ता बना है। झरना के निकट पहुँचने पर वहाँ हमें एक भी व्यक्ति नहाते हुए मौजूद नहीं मिला। हालाँकि वहाँ का कुंड छोटा था फिर भी बड़ी सावधानी से गहराई का आकलन करते हुए नीचे पानी में उतरे। कई जगहों पर तेज धार के चलते भी गहरा गड्ढा हो जाता है लेकिन ज्यादा गहरा नहीं होने से हमलोगों ने चैन का सांस लिया और करीब आधा-एक घण्टा वहाँ स्नान इत्यादि करने में बिताया।
यहाँ कभी पहले पी०पी०सी० नामक कंपनी की खदान हुआ करती थी जो इन पहाड़ो से खनिज पदार्थ निकालने का काम करती थी, लेकिन कालांतर में इसके बंद होने से यहाँ पर जगह-जगह इसके अवशेष दिखाई दे रहे थे।
तुतला भवानी जलप्रपात और पैदल झूला पुल
![](http://alokdeshpandey.com/wp-content/uploads/2020/10/Tutla-Bhawani19-225x300.jpeg)
![](http://alokdeshpandey.com/wp-content/uploads/2020/10/Tutla-Bhawani19-225x300.jpeg)
झरने से लगभग दो किमी पहले ही बैरियर लगा दिया गया था और वही गाड़ियों के लिए पार्किंग वैगेरह की सुविधा की गई थी। वहाँ के देखरेख करने वाली समिति के लोगो से बात करने पर पता चला कि यहाँ मात्र दो वर्ष पहले तक कोई नहीं आता था और झरने के पास असमाजिक तत्वों का जमावड़ा लगा रहता था। वहाँ के स्थानीय लोगो के संघर्ष के कारण मात्र दो वर्ष में ही उस स्थान का कायापलट हो गया था और रोजाना हजारो की संख्या में लोग आ रहे थे।
वहाँ पिछले जलप्रपातों की तुलना में बहुत ज्यादा भीड़ थी, लगभग सैकड़ों गाड़िया पार्किंग में लगी थी। इससे पहले जिन दो जलप्रपात में गए वहाँ नहाने की सुविधा तो थी लेकिन उतना प्रसिद्ध नहीं होने के कारण वहाँ हमलोगों के अलावा लगभग कोई था ही नहीं।
![](http://alokdeshpandey.com/wp-content/uploads/2020/10/Tutla-Bhawani17-225x300.jpeg)
![](http://alokdeshpandey.com/wp-content/uploads/2020/10/Tutla-Bhawani17-225x300.jpeg)
लगभग दो किमी पैदल चलने के बाद हमलोग तुतला भवानी झरने के एकदम निकट पहुँच गए। वहाँ तुतला भवानी मंदिर थोड़ी ऊँचाई पर था। लेकिन वहाँ पहुँचने के लिए मात्र चार दिन पहले ही सरकार ने एक #झूलावालापुल का उद्घाटन किया था। झूला वाला पुल इसलिए कि उस पुल पर कूदने से वो पुल हिलता था इससे कई लोग इसपर जानबूझ कूद रहे थे इससे वह पुल भी अपने आप में आकर्षण का एक केंद्र बन गया था। झरना पत्थर से टकरा कर दूर-दूर तक छिटा मार रहा था जिससे लग रहा था कि पुल पर ही हमलोग भींग जाएँगे।
यहाँ की स्थिति देखकर हमलोगों ने स्नान करने का विचार त्याग दिया, वैसे भी सुबह एक जगह स्नान कर ही लिए थे, अतः माता के दर्शन करने के पश्चात हमलोग वापस तिलौथू के लिए प्रस्थान कर गए।
इंद्रपुरी बराज और बक्सर की ओर
समाप्त।
यात्रा के दौरान ली गई कुछ तस्वीरें
- इस यात्रा संस्मरण के कुछ अन्य हिस्से
![](https://alokdeshpandey.com/wp-content/uploads/2020/11/mahadev-khoh3.jpg)
![](https://alokdeshpandey.com/wp-content/uploads/2020/11/mahadev-khoh3.jpg)
रोहतास भ्रमण, बिहार (भाग-1, महादेव खोह झरना)
रोहतास भ्रमण, बिहार (भाग- 1) दिनांक:- 24 सितंबर से 27 सितंबर 2020 स्थान- रोहतास जिला (बिहार) छले दिनों मुझे बाइक से रोहतास भ्रमण करने का अवसर मिला, इससे पहले अभी हाल ही में मैंने अगस्त में कैमूर स्थित “तेल्हाड़ कुंड” जलप्रपात का एक दिवसीय यात्रा किया था, तभी मन में विचार आया था कि […]
![](https://alokdeshpandey.com/wp-content/uploads/2020/11/Rohtash-Kila10.jpeg)
![](https://alokdeshpandey.com/wp-content/uploads/2020/11/Rohtash-Kila10.jpeg)
रोहतास भ्रमण, बिहार (भाग- 2, रोहतास किला)
रोहतास भ्रमण, बिहार (भाग- 2) दिनांक:- 24 सितंबर से 27 सितंबर 2020 स्थान- रोहतास जिला (बिहार) पूरी यात्रा शुरू से पढ़ने के लिए रोहतास किला यात्रा हतास जिला का नाम ही राजा हरिश्चंद्र के लड़के रोहिताश्व के नाम पर पड़ा था और कहा जाता है यह किला भी उन्हीं के नाम पर है। इस […]