यात्रा संस्मरण
#केदारनाथ_बद्रीनाथ_धाम_की_यात्रा
by Alok Desh Pandey
यात्रा अवधि :- 27 जून से 06 जुलाई 2024
बाबा केदारनाथ जी का दर्शन
सभी को नमस्कार, आखिरकार अबकी बार मैंने भगवान केदारनाथ एवं बद्रीनाथ जी के दर्शन कर ही लिया। केदारनाथ जी तो अत्यंत प्रसिद्ध है और पिछले कई सालों से अन्य-अन्य जगह चला जा रहा था लेकिन एक बार भी यहां पर नहीं जा पाया था तो बहुत दिनो पहले से ही यहां जाने का कार्यक्रम बना लिया था। अबकी बार मेरे साथ मेरे दो छोटे भाई थे, इनमें से एक पहली बार हिमालय के क्षेत्र में जा रहा था। सो उन दोनो को कुछ ज्यादा ही रोमांच था।#बक्सर से प्रस्थान:-
हम लोगो की यात्रा 27 जून को बिहार के बक्सर से प्रारंभ हुई, लेकिन हमलोग अभी तक यह तय नहीं कर पाए थे कि चारो धाम की यात्रा करनी है या केवल दो धाम की क्योंकि समय का थोड़ा सा अभाव था। इस बीच ट्रेन में बिहार के ही दो और लड़को से परिचय हो गया जो बाबा के ही दर्शन के लिए जा रहे थे। वे भी दो धाम की ही तैयारी करके आए थे सो हमलोग भी उनलोगो के साथ ही चलने का निर्णय कर लिए। वो वाकई बहुत अच्छे इंसान थे और इतनी मित्रता हो गई कि अगले 7-8 दिन साथ साथ ही रहे और कई बार हमलोग होटल में कॉमन रूम भी लिए ताकि कुछ पैसे बच सके।
#ऋषिकेश से सोनप्रयाग बस यात्रा:-
28 जून को सुबह हमलोग योग नगरी ऋषिकेश स्टेशन उतरे और वहां से बस स्टैंड के लिए रिक्सा पकड़े। वहां पहुंचे तो सोनप्रयाग के लिए बस खड़ी थी। प्रति व्यक्ति 500 रु भाड़ा ले रहे थे। जल्दी से हमलोग एक बस में सवार हो गए। अब हमलोगो की यात्रा 7-8 घंटे की होने वाली थी। बीच में बस एक दो जगह खाने पीने के लिए रुकी थी। अंततः 03 बजे शाम को हमलोग सोनप्रयाग पहुंच गए थे। वहा सोन प्रयाग में ही हमलोगो का रजिस्ट्रेशन चेक हो रहा था। हालांकि हमलोग का रजिस्ट्रेशन का डेट आगे था और हम समय पूर्व पहुंच गए थे लेकिन उसके चलते किसी ने आपत्ति नही की। सोनप्रयाग से लगभग 1 किमी पैदल चलने के बाद एक पुल पार किए जहां से 06 किमी दूर गौरी कुंड के लिए सूमो चल रही थी। आज रात में गौरी कुंड में ही विश्राम था। वहां हमलोग 2000 रु में एक 4 बेड वाला कमरा लिए जिसमें 5 व्यक्ति आराम से सो गए।
#गौरीकुंड के गर्म जल में स्नान और केदारनाथ बाबा की चढ़ाई शुरू:-
29 जून के सुबह हमलोग जल्दी जल्दी उठे और गौरी कुंड के गर्म जल में स्नान कर बाबा की ओर प्रस्थान करने को तैयार हो गए। हमलोग होटल चेकआउट कर दिए और अपना कुछ समान एक एक्स्ट्रा बैग में रख कर वही एक लॉकर में रखवा दिए जो प्रति बैग 100 रु ले रहा था। सुबह 06 बजे तक हमलोग चलने के लिए तैयार हो गए। इससे पहले आज रात भर बारिश हुई थी लेकिन सुबह तक खुल गई और हमलोग का ये सौभाग्य रहा कि दिन भर मौसम अच्छा रहा। कुल लगभग 22-24 किमी की पैदल यात्रा थी। इसको पूरा करने में हमलोगो को 12 घंटे लग गए। इस बीच रास्ते में कई जगह रुकते हुए चल रहे थे, साथ में लाया हुआ भुजा ने यहां बहुत काम दिया था।
शाम को 06 बजे हम मंदिर के समीप पहुंच गए और वही केदार घाटी में रात बिताने के लिए एक टेंट रूम बुक किए जो हमें 150 रु प्रति व्यक्ति की दर से मिला। फिर हमलोग शाम के समय होने वाली बाबा केदारनाथ की आरती देखने गए। वहां कुछ लोगो ने बताया था कि आप सुबह 3-4 बजे ही जाइएगा तो तुरंत दर्शन हो जाएगा। लेकिन उसी दिन वर्ल्ड कप का फाइनल था और नेट भी सही चल रहा था। सो सुबह 05:00 बजे के बाद जगे।
#बाबा_केदारनाथ_के_दर्शन:-
30 जून को सुबह उठते ही नहाने का जुगाड़ लगाने चल पड़े। वहां पानी बर्फ जैसा ठंडा लग रहा था, सो एक बाल्टी गर्म पानी 100 रु के हिसाब से खरीद कर नहाना पड़ा, लेकिन थोड़ी थोड़ी लापरवाही करते हुए हमलोग लाइन में लगते लगते 08 बजा दिए जिसके चलते लगभग 4 घंटा लाइन में खड़े होने के बावजूद ज्यों हमारा नंबर आया 11:30 में गेट बंद हो गया।फिर 2 घंटा बाद साफ सफाई होने के बाद खुला तो दर्शन हो पाया। आज समय का महत्व पता चल रहा था। दर्शन करने के बाद भोजन किए और 02:30 बजे से उतरना शुरू कर दिए। उतरने में ज्यादा कही रुके नही इसलिए 06 घंटे में ही हमलोग गौरी कुंड पहुंच गए थे। तुरंत ही हमने लॉकर से अपना बैग लिया और सोनप्रयाग की सूमो पकड़ ली। रात 10 बजे सोन प्रयाग पहुंचे तो तेज बारिश चालू हो गई थी। वहां ढेर सारे डोरमेट्री सुविधाएं भी थी। उसी में एक जगह हमलोगो ने रात बिताई। सारा शरीर रास्ते के थकान के कारण दुख रहा था।
बाबा बद्री विशाल जी का दर्शन
#सोनप्रयाग_से_बद्रीनाथ_वाया_बस
बाबा केदारनाथ जी के बाद बाबा बद्री विशाल के दर्शन करने की योजना थी। सो सोनप्रयाग में सुबह आराम से उठने के बाद 09 बजे तक बस स्टैंड पहुंचे वहां से बद्रीनाथ के लिए 650 रु प्रति व्यक्ति बस का भाड़ा लगा। रात के 10 बजे हमलोग बद्रीनाथ उतरे। उतरने के बाद रात बिताने के लिए होटल खोजें फिर खाने चले गए। यहां दर्शन के लिए कोई चढ़ाई नहीं थी, यहां तक सीधे रोड आता है। सुबह उठने के बाद होटल में ही नहा धो कर बद्रीनाथ दर्शन के लिए लाइन में लग गए। यहां ज्यादा लंबी लाइन नही थी और दो घंटे में दर्शन हो गए। इसके चलते हमलोग 12 बजे से पहले होटल चेकआउट भी कर दिए और बस स्टैंड पहुंच गए जहां बद्रीनाथ से सीधे ऋषिकेश, हरिद्वार की बस मिलती थी। वहां से 700 रु किराया लगा और हमलोग 12 बजे रात तक पहुंच गए।
#ऋषिकेश_भ्रमण और नीलकंठ_महादेव के दर्शन:-
योग नगरी ऋषिकेश में हमारे एक जान पहचान का एक आश्रम था जहां हमें आश्रय मिल गया था। इसके चलते दो दिन वही रुक कर ऋषिकेश शहर को एक्सप्लोर करने का मौका मिल गया। एक दिन हमलोग वहां के समीप ही स्थित पहाड़ी पर मौजूद प्रसिद्ध नीलकंठ महादेव के दर्शन के लिए गए। उसको घूमने में पूरा दिन लग गया था। उसी दिन शाम को त्रिवेणी घाट पर वहां हर दिन आयोजित होने वाली प्रसिद्ध गंगा आरती में भी सम्मिलित होने का अवसर मिला।
अगले दिन 05 जुलाई को हमारी ट्रेन हरिद्वार से थी। सो 06 जुलाई तक अपने घर बक्सर में थे।