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दक्षिण भारत यात्रा, दिसंबर- जनवरी 2023-2024

#यात्रा_वृतांत
#मेरी_दक्षिण_भारत_यात्रा
by Alok
दिनांक 20-12-2023 से 14-01-2024


पार्ट 1 
चेन्नई और उसके आसपास भ्रमण (Day 1-6)

साथियों बहुत दिनों से इच्छा थी अपनी दक्षिण भारत के दर्शन करने की, लेकिन मौका नहीं मिल पा रहा था, लेकिन मन में था कि जब उत्तर भारत में कड़ाके की ठंड पड़ रही हो तो दक्षिण भारत का मौसम सुहावना होता है उसी समय घूमने की योजना बनाऊंगा, और वो समय आ ही गया। जब 20 दिसंबर को हमने चेन्नई जाने के लिए टिकट बुक किया।

अबकी बार हमारे साथ केवल मेरा भाई विवेक था, हम दो लोग 20 दिसंबर के रात को ट्रेन में बैठे तो दो दिन बाद 22 के शाम को चेन्नई पहुंचे और जैसा कि अनुमान था वहां का मौसम बेहद शानदार था। घर पहुंचते ही नहा धो कर फ्रेस हुए और रात को ही 10 बजे समुद्र किनारे टहलने निकल पड़े उधर से लौटते लौटते 12 बज गए।
चेन्नई में हमारे एक रिलेटिव रहते है तो योजना थी कि चेन्नई को ही बेस बना कर पूरा दक्षिण भारत भ्रमण को अंजाम दिया जाए कम से कम तमिलनाडु और कर्नाटक कवर करने की योजना थी। हालांकि एक बार पूर्व में भी 2014 में तमिलनाडु आ चुका था लेकिन तब और अब में बहुत अंतर आ चुका है, अबकी बार पूरा समय लेकर घूमने आए है और साथ में vlog बनाने के लिए gopro और drone भी है।
दो तीन दिन की यात्रा के कारण उत्पन्न हुई थकान के चलते अगले दिन 23 को हमलोग पूरे दिन आराम ही करते रहे। फिर शाम को एक बार फिर चेन्नई के इलियट्स बीच पर टहलने के लिए निकले इस बीच कहा कहा घूमना है ये सब प्लानिंग हो गई। महाबलीपुरम यहां से नजदीक ही है इस बीच हमलोगों को एक बाइक की व्यवस्था भी हो गई तो हमलोगों ने 24 दिसंबर को महाबलीपुरम फिर 25 को पोंडिचेरी घूमने की योजना बनाई।

Day 5 (24 dec 2023)

महाबलीपुरम दर्शन

हमलोग कल रात ही एक मित्र के फ्लैट पर रुक गए थे, अगले दो दिन के लिए हमलोगो को उसका बाइक भी मिल गया था, सो आज सुबह महाबलीपुरम घूम कर आने की योजना बनी जो चेन्नई से लगभग 50 किमी की दूरी पर है। हमलोग 08:30 में घर से निकल गए।
महाबलीपुरम जाने वाला रास्ता ईस्ट कोस्ट रोड कहलाता है जो चेन्नई से एकदम समुद्र तट के किनारे किनारे जाता है, अपनी बाइक थी सो एक जगह थोड़ा कम भीड़ भाड़ देख कर हमने अपनी बाइक एक खाली सुनसान समुद्र के बीच की ओर मोड़ दी। और एक घंटा के करीब एकांत में अपना वक्त समुद्र के लहरों के बीच बिताए। रास्ते में बहुत सस्ते इडली डोसा वैगेराह मिल रहा था जिसे खा कर अपना पेट भरा। फिर महाबलीपुरम पहुंच कर सबसे पहले सोर मंदिर, फिर अर्जुन की तपस्या तथा पंच रथ इत्यादि जगहों पर घुमा। आज पूरे दिन हमलोग यही घूमते रह गए और शाम को वापस अपने मित्र के फ्लैट पर आ गए।

Day 6 (25 दिसंबर 2023)

आज क्रिसमस था सो उम्मीद थी पांडिचेरी में भिड़ भाड़ भी हो। हमलोग आज भी बाइक से ही घूमने वाले थे सो सुबह 09 बजे चेन्नई से पांडिचेरी के लिए निकल लिए। वहां पहुंचते पहुंचते रास्ते में कई जगह ब्रेक लिए और 1 बजे तक पहुंचे, रास्ते में एक जगह 25 रु का ही नारियल पानी मिल रहा था।

ऑरो विले
सबसे पहले हमलोग और ऑरो विले पहुंचे, इसके लिए पांडिचेरी के मुख्य शहर में जाने से पहले ही एक रास्ता दाहिने कट जाता है। बहुत ही स्वच्छ गांव लग रहा था, इसकी स्थापना 1968 में महर्षि अरविंद के शिष्या मीरा रिचर्ड ने किया था। वहां एक मातृ मंदिर है जहां एक गुंबद नुमा गोल विशाल गोल्डेन ग्लोब है जो लोगो के आकर्षण का केंद्र है। वहां पहुंचने के बाद हमें एक पास दिया गया जिसके बाद हमें करीब दो किमी पैदल चलना पड़ा, लेकिन उधर से आते वक्त वो लोगो को बस सेवा मुहैया करा रहे थे।

स्कूटी रेंट
वहां कई जगह स्कूटी 300-400 में रेंट पर मिल जा रही थी चूंकि हमलोग के पास बाइक था सो उसकी जरूरत नहीं थी लेकिन कोई भी जो पूरा पांडिचेरी एक्सप्लोर करना चाहता है वो इस माध्यम से आसानी से इस शहर को एक्सप्लोर कर सकता है।

हमलोग 7 बजे तक शहर में बीच इत्यादि पर इधर – उधर घूमे फिर आज ही वापस भी चल दिए। चुकी लगभग 150 किमी यात्रा थी सो कई जगह ब्रेक लेते लेते घर पहुंचते – पहुंचते 11 बज गए।
आज हमलोग लगभग 300 किमी बाइक चला चुके थे सो पूरी तरह थक गए थे इसलिए अगले दिन रेस्ट करने की योजना बनी। 26 को हम कही नहीं गए, अब अगला कार्यक्रम रामेश्वरम का है उसके लिए 27 को ट्रेन बुक कर दिए है।

 

पार्ट 2 
रामेश्वरम और मदुरै यात्रा, Day 8-11 (27-30 दिसंबर 2023)

           चेन्नई पहुंचे के बाद हमलोग को एक दोस्त के माध्यम से बाइक उपलब्ध हो गई थी, जिसके माध्यम से 24 को महाबलीपुरम और फिर 25 को पुडुचेरी घूम लिए, उसके बाद हमारे बड़े मम्मी-पापा भी चेन्नई आ गए थे वे लोग भी हमारे साथ ही रामेश्वरम, मदुरै और तिरुपति दर्शन करना चाहते थे। अतः उनलोगो के लिए हमलोग 27 दिसंबर को चेन्नई से रामेश्वरम के लिए ट्रेन का टिकट कटा लिए। 28 के सुबह 04 बजे हमलोग मंडपम पहुंचे फिर वहां से बस से रामेश्वरम मंदिर के पास पहुंचे।

#रामेश्वरम_में_होटल

सुबह 5 बजे हमलोग रामेश्वरम मंदिर के पास पहुंच गए थे, उस समय वहां बारिश हो रही थी। बस से उतरने के बाद हमलोगो के पास अब अच्छे होटल खोजने की चुनौती थी। किसी तरह भींगते भींगते कई होटल घूमे लेकिन अधिकांश होटल खुद को फुल बता रहे थे तो कुछ केवल 12 घंटे के लिए ही दे रहे थे हम लोगों को रात में भी रुकना था सो होटल खोजने में थोड़ा परिश्रम करना पड़ा। अंततः 1500- 1500 रुपए में दो कमरे लिए। और बाबा के दर्शन की तैयारी करने लगे।

#बाइस_कुंए_का_स्नान

जो भी रामेश्वरम में जाता है सबसे पहले समुद्र में स्नान करता है फिर मंदिर परिसर में मौजूद 22 कुएं के जल से स्नान करता है इसके लिए हम लोग समुद्र में स्नान कर भीगे हुए कपड़े के साथ ही मंदिर के अंदर प्रवेश किए जहां कुएं पर स्नान की व्यवस्था थी। वहां लाइन लगाकर लोग अलग-अलग कुएं पर पहुंच रहे थे जहां कुछ लोग कुएं से पानी निकाल कर सभी पर फेंक रहे थे। इस तरह सभी कुओं से स्नान करते करते हमलोगो को डेढ़-दो घंटे लग गए। हम लोग उसी तरह भीगे कपड़े पहने ही अपने होटल के कमरे गए और कपड़े बदल कर पुनः मंदिर में दर्शन के लिए लाइन में लग गए। वहां भी दो प्रकार की लाइन लगी थी एक में ₹100 का कूपन कटता था दूसरे में ₹200 की, दोनों की लंबाई में बस थोड़ा ही अंतर था। 2 घंटे में हम लोगों ने आराम से दर्शन कर लिया तब तक 12:00 बज चुके थे। उसके बाद मंदिर के समीप ही किसी भोजनालय में हम लोगों ने भोजन किया और कुछ देर आराम करने के बाद मैंने पूरा रामेश्वरम घूमने के लिए ऑटो ढूंढना शुरू किया।

#ऑटो_से_रामेश्वरम_भ्रमण

आमतौर पर ऑफ सीजन गर्मियों में ऑटो वाला ₹500 में रामेश्वरम के मुख्य जगहों पर घुमा देता है लेकिन यहां ₹1500 तक मांग रहा था, कुछ ऑटो वाले 1200 तक आए फिर 1000 में एक ऑटो तैयार हो गया। सबसे पहले वह हमें विभीषण मंदिर ले गया जहां राम जी ने विभीषण का राजतिलक किया था वहां श्री राम की जी मूर्ति लगी हुई थी। उसके बाद हम लोग रामसेतु गए जहां भारत का आखिरी सड़क मौजूद था।
रामसेतु के रास्ते में ही धनुषकोडी मौजूद था जो पहले कभी एक आबाद शहर हुआ करता था जहां रेलवे स्टेशन और पोस्ट ऑफिस भी थे लेकिन 1964 में चक्रवात के कारण पूरा शहर ही बह गया और 1800 लोग मारे गए, जिसके कारण से अब दुबारा से वो शहर नहीं बस सका। उसके खंडहर अब भी वहां मौजूद थे।
होटल वापस पहुंचते पहुंचते रात हो गई। चूंकि वो होटल हमें ठीक 24 घंटे के लिए ही मिली थी इसलिए 29 दिसंबर को सुबह में ही हमलोग 06 बजे होटल से चेक आउट कर लिए और रामेश्वरम बस स्टैंड जाकर मदुरै के लिए बस पकड़े।

#मीनाक्षी_मंदिर_मदुरै

सुबह 11:00 बजे तक हम लोग मदुरै पहुंच चुके थे। वहां का मीनाक्षी मंदिर दक्षिण भारत के सबसे प्रसिद्ध मंदिरों में से एक है चूंकि उसके दर्शन के लिए तीन चार घंटे काफी थे सो आज यहां रुकने की योजना नहीं थी। वहां मंदिर के समीप ही लाकर की व्यवस्था थी। जहां पर हम सभी ने अपना बैग जमा कर दिया और आराम से दर्शन कर शाम 5:00 बजे तक बाहर निकल गए। मीनाक्षी मंदिर की शिल्पकारी भव्य और अदभुद थी, वह मंदिर सैकड़ों साल में बन कर तैयार हुआ था। वहां से वापस निकल भोजन वैगेरह कर मदुरै बस स्टैंड गए जहां से हम लोगों को रात 9:00 बजे मदुरई से चेन्नई के लिए एक स्लीपर बस मिली 30 दिसंबर को सुबह 6:00 बजे तक हम लोग चेन्नई में थे।

#चेन्नई_के_मरीना_बीच_एवम_इलियट_बीच

यात्रा के थकान के कारण के अगले दो-तीन दिन हम लोग चेन्नई ही बिताए। क्योंकि वहां अपना घर था तो ज्यादा खर्चा नहीं लगा इस बीच रोज शाम को वहां के अलग-अलग बीच पर जाने का मौका मिला जो अपनी खूबसूरती के लिए प्रसिद्ध थे। इसमें मरीना बीच बहुत बड़ा बीच था फर्स्ट जनवरी को हम लोग वही गए थे जहां पर अपार भीड़ आई हुई थी। इलियट बीच भी खूबसूरती में कम नहीं था।
वहां कई बार हम लोग जाकर समुद्र के लहरों के बीच घंटो बिताया करते थे।

#पुनः 03 जनवरी से 10 जनवरी तक लागतार यात्रा

साथियों इस बीच हमारे बड़े मम्मी पापा अपने घर चले गए थे तो एक बार फिर हमलोगों ने दक्षिण भारत के शेष मुख्य-मुख्य हिस्सो मे घूमने के उद्देश्य से अकेले यात्रा प्रारंभ की। और इस बीच कोयंबटूर, बैंगलोर, हंपी, तिरुपति बाला जी के दर्शन हुए। अगले पार्ट में इन सभी स्थानों के अपने यात्रा अनुभव से आप सबको अवगत कराएंगे।

पार्ट 3 
महाबलीपुरम और चेन्नई के बीच का भ्रमण और आदियोगी तथा हम्पी दर्शन की योजना
Day 12-15 (31 Dec 23 to 03 Jan 24)

 

30 दिसंबर को हमलोग रामेश्वरम और मदुरै दर्शन कर चेन्नई वापस लौटे थे और आगे तिरुपति बालाजी भगवान के दर्शन को जाना था लेकिन रास्ते में ही कई लोगों ने बताया कि तिरुपति बालाजी के सर्वदर्शनम वाले कार्यक्रम को एक हफ्ते के लिए रोक दिया गया है, ऑनलाइन वाला बुकिंग पहले ही फूल हो चुका था तो यह कार्यक्रम स्थगित हो गया और चेन्नई के आसपास ही घूमने की योजना बनी।

#चेन्नई में #बीच का भ्रमण:-

31 दिसंबर को नववर्ष के पूर्व संध्या पर हमलोग अपने घर के निकटतम इलियट बीच पर घूमने गए, उस दिन रविवार भी था सो बीच के किनारे पर दूर दूर तक लोग ही लोग दिखाई दे रहे थे, ऐसा लग रहा था मानों चेन्नई में सभी लोग अपना शाम बिताने यही आ जाते है। पूरे बीच पर मेला जैसा नजारा था सैकड़ों फुटकर दुकानें जिसमें खाने पीने से लेकर निशाने बाजी और तरह तरह के गेम मौजूद थे। घोड़े वाले भी खड़े थे जो पैसे लेकर बीच पर घोड़े की सवारी करवा रहे थे। पुलिस वाले बच्चों को लहरों से अठखेलियां करने से रोक रहे थे, बड़ी बड़ी लहरे आती और अचानक कई लोगो को भिगो देती। धीरे धीरे शाम हो गई और हमलोग घर चले आए।

अगले दिन नव वर्ष था और चेन्नई के सबसे बड़ा बीच मरीना बीच पर जाने की योजना बनी, इस दिन भी शाम को हम मरीना बीच पहुंचे, यह बीच बहुत बड़े क्षेत्रफल में फैला हुआ था इसको पूरा घूमते घूमते आदमी थक जाएगा। चूंकि 1 जनवरी नया साल का दिन था तो भीड़ के बारे में पूछिए मत लेकिन क्षेत्रफल ज्यादा होने से दुकानें इतनी सघन नहीं थी। लेकिन वही नजारा इस बीच पर भी देखने को मिलता था। दो दिन आराम ही किए और रोज शाम को बीच पर घूमने में बिताया इसके बाद अगले दिन 02 जनवरी को अपने बड़े मम्मी पापा को भी महाबलीपुरम घुमाने की योजना बनाया।

#महाबलीपुरम_यात्रा_बस_से

महाबलीपुरम के लिए बस आपको चेन्नई के तिरुवानमियूर बस स्टैंड से आसानी से मिल जाएगी। बस संख्या 588 सीधे महाबलीपुरम तक चलती है जो 40 रु लेती है और डेढ़ घंटा में आपको वहां तक पहुंचा देगी। हमलोग को घर से निकलते निकलते लेट हो गया और करीब 12 बजे बस पकड़े। उतरते ही टेंपू वालो ने घेर लिया और पूरा महाबलीपुरम टेंपू से घुमाने का ऑफर देने लगे। हालांकि हमलोग तो एक हफ्ता पहले अपने बाइक से महाबलीपुरम घूम ही चुके थे लेकिन यह इतने छोटे क्षेत्रफल में फैला है कि बाइक की जरूरत ही नहीं पड़ी। सारे दर्शनीय स्थल मात्र 2 किमी के क्षेत्रफल में फैले हुए थे। लेकिन हमारे साथ जो थे वो ज्यादा चलने में असमर्थ थे अतः 500 रु में एक टेंपू बुक किया, जो अगले दो तीन घंटे हमलोगो के साथ रहने वाला था।

#महाबलीपुरम_की_विशेषता:-

यहां के मंदिर करीब 2000 हजार साल पुराने है, मुस्लिम आक्रमणकारियों ने जिस प्रकार का विनाश उत्तर भारत में मचाया था, उनके हाथ इधर पहुंच नहीं पाए यही वजह थी कि हजारों साल बाद भी हम अपने सांस्कृतिक विरासत को सही सलामत देख पा रहे थे और अपने पूर्वजों के ज्ञान पर गर्व भी महसूस कर पा रहे थे। अभी कुछ सालो पहले जब चीन के राष्ट्रपति भारत आए थे तो नरेंद्र मोदी उनको महाबलीपुरम दिखाने ले गए थे इस वजह से यह जगह और भी प्रसिद्ध हो गया। यहां एक ऐसा पत्थर है जो इस प्रकार टीका हुआ है मानो लग रहा यह अब लुढ़केगा तब लुढकेगा लेकिन हजारों सालों से यह उसी जगह पड़ा हुआ है, इसे भगवान श्रीकृष्ण का माखन लड्डू के नाम से जाना जाता है। इसके अलावे यहां के बहुत सारे कलाकृतियों के नाम महाभारत के पात्रों पर है जैसे भीम रथ अर्जुन रथ इत्यादि। पूरा महाबलीपुरम अदभुद कलाकृतियों से भरा हुआ है।

#कोयंबटूर #आदियोगी विशाल शिव प्रतिमा के दर्शन की योजना:-

03 जनवरी को हमारे बड़े मम्मी-पापा वापस चेन्नई से राँची जाने वाले थे इसके बाद केवल हम और विवेक ही बच गए थे अतः योजना बनी एक नए यात्रा पर निकलने की। तब तक कुछ आराम भी मिल गया था, अबकी बार लंबे समय तक ज्यादा जगहों की यात्रा करने की योजना थी। सो उनको फ्लाइट में बैठा कर हमलोग ने उसी दिन रात को कोयंबटूर की ट्रेन पकड़ ली। अबकी बार हमने इस प्रकार योजना बनाई कि रात का वक्त ट्रेन में बीते और दिन में घूम सके। सो पहले कोयंबटूर आदियोगी का दर्शन की योजना बनी, फिर वहां से बंगलुरु और वहां से हम्पी फिर लौटते वक्त तिरुपति जी के दर्शन की योजना बनी, इनमें से किसी का भी टिकट हमलोगों ने पूर्व से नहीं कटाया था, लेकिन सौभाग्य ऐसा हुआ सबका ट्रेन टिकट तत्काल माध्यम से ही होते गया और सभी टिकट रात को ही होते थे इससे सोने के लिए होटल लेने का खर्चा बच गया केवल हम्पी में हमें होम स्टे लेना पड़ा क्योंकि वहां दो दिन घूमने का मन था। सो अगले पार्ट में इन सभी जगहों के यात्रा का विस्तृत वर्णन करूंगा।

 

पार्ट 4

कोयंबटूर यात्रा, बैंगलोर तथा हम्पी भ्रमण, फिर तिरुपति बालाजी के दर्शन तथा घर वापसी

Day 16-26(04 Jan to 14 Jan 2024)

        पिछले 15 दिन में महाबलीपुरम, पुद्दुचेरी, रामेश्वरम तथा मदुरै इत्यादि घूम लिए थे और अब कर्नाटक और आंध्र के कुछ क्षेत्रों को घूमने की योजना थी। इसके लिए हमलोगो ने ऐसी योजना बनाई कि हमारी रात ट्रेन में ही गुजरे और दिन में शहर घूम सके, और हमारी योजना तब कामयाब साबित हो गई जब हमने लगातार चार रात तत्काल टिकट बुक कर करके यात्रा किए। उत्तर भारत के तरफ तो इस तरह #तत्काल_टिकट_यात्रा के बारे जल्दी सोच ही नहीं सकते थे।

 

#कोयंबटूर_यात्रा और आदि_योगी के विशाल प्रतिमा का दर्शन

Day 16 (04 Jan 2024)

    हमलोग पहला तत्काल टिकट मारे कोयंबटूर के लिए जहां आदि योगी भगवान शिवजी का विशाल प्रतिमा बना है। इसके लिए ट्रेन 03 जनवरी को चेन्नई से रात में 09 बजे थी। सुबह सुबह 5 बजे हमलोग कोयंबटूर स्टेशन पर थे, वहां से उतर कुछ फ्रेस हुए फिर आदियोगी जाने के लिए बस का पता किए, वहां स्टेशन के बगल से ही होकर सारी बसे जाती है हालांकि हमलोग बस स्टैंड पहुंच गए। आदियोगी पहुंचने के बाद हम लोगों ने अपना सामान जमा करवाया और थोड़ा सामान लेकर शिव प्रतिमा की ओर चल दिए। यह क्षेत्र बहुत बड़े आकार में फैला हुआ है शिव प्रतिमा तक जाने के लिए वहां लोग बैलगाड़ी में बैठकर जाते थे। वहां शिव प्रतिमा के आसपास भव्य नजारा था, खासकर फोटो शूट करवाने वालों के लिए स्वर्ग था। इस बीच हमलोगों वहां के कुछ लोकल लड़को द्वारा खिलौना ड्रोन उड़ाते देखा।

 

#और_मेरा_ड्रोन_जफ्त_हो_गया…

 

उन लड़कों द्वारा ड्रोन उड़ाते देख हमें लगा यहां ड्रोन उड़ने पर कोई रोक नहीं है हालांकि इसके बोर्ड थे लेकिन अभी तक हमने ड्रोन प्रतिबंध वाले कोई बोर्ड देखे नहीं थे, इसलिए बिना भय के खुले आम अपना ड्रोन उड़ाने लगे। देखते ही देखते हमलोग के आसपास खासकर बच्चों के बहुत सारी भीड़ इक्कठी हो गई। करीब 10 मिनट बाद जब इसको उतारने को हुआ तभी कुछ सिक्योरिटी वाले दौड़ते हुए आए और पूछने लगे कि कौन ड्रोन उड़ा रहा है और ड्रोन को नीचे उतरते ही हमें ड्रोन उठाने से रोक दिया और प्राइवेट संपति पर ड्रोन उड़ाने के आरोप में पुलिस स्टेशन चलने की बात करने लगे। इस बीच हमलोग की हालत खराब हो गई थी। क्योंकि इतनी दूर प्रदेश में कोई पैरवी भी नहीं थी, लग रहा था कि हमलोग का लाख रुपया का चूना लग गया। ड्रोन तो अब गया। उस पर से वे लोग हिंदी तो समझते नहीं इंग्लिश भी टूटा फूटा ही समझ रहे थे। वो लोग ड्रोन को उसी तरह जमीन पर रखे रहने की बात कर रहे थे थोड़ी देर बाद उनलोगो के कुछ और सदस्य आए और ड्रोन उठाकर मुझे भी अपने साथ चलने के लिए कहा, और एक अन्य सिक्युरिटी पोस्ट पर ले गए, इस बीच एक गार्ड ने हमनें ढांढस बनाया कि चिंता न करो ये लोग बाद में लौटा देते है फिर हिम्मत बढ़ी और हमलोग ने बहुत अनुनय विनय की कि सर गलती से हो गया तो उन्होंने दया दिखाते हुए हमारे ड्रोन के सारे डाटा को फॉर्मेट मार एक आवेदन लिखवा कर छोड़ दिया। हमलोग बाहर आकर राहत की सांस लिए लेकिन आज का सारा मूड खराब हो गया था, उसके बाद घूमने में मन नहीं लगा और रात का लेजर शो देखने की योजना भी रद्द कर हमलोग शहर की तरफ चल दिए। आज की ट्रेन का टिकट भी हमलोग कल तत्काल बुक कर लिए थे, रात में कोयंबटूर में बैठे तो अगली सुबह हमलोग बैंगलोर में उतरे। वहां हमारे कुछ दोस्त रहते थे सो आज रात उन्हीं के यहां स्टे था।

 

#बैंगलोर_दर्शन

Day 17-18 (05-06 जनवरी 2024)

 

यू तो बंगलोर आईटी हब कहा जाता है इसलिए वहां मेरे बहुत सारे दोस्त जॉब करते है इसीलिए वहां जाने का मकसद उनलोगों से मिलना भी था, लेकिन  वहां मेरा एक दोस्त IISc से m.tech कर रहा था, मैने इस संस्थान का नाम बहुत सुना था तो उसके मदद से मैंने एक दिन इस पूरे कैंपस में घूमते हुए बीता दिया इसके अलावा बैंगलोर के कुछ मशहूर पार्क में भी घूमने का अवसर मिला। इसके बाद हमलोग का अगला पड़ाव हम्पी था, इसके लिए हमलेगों ने 06 जनवरी के लिए तत्काल टिकट बुक कर लिया था, रात में बैंगलोर में बैठे तो सुबह तक हमलोग होसपेट में थे।

 

#हंपी_भ्रमण

Day 19-20 (07-08 जनवरी 2024)

दोस्तों हम सभी ने बचपन में तेनालीराम की कहानी खूब सुनी होंगी। आज उन्हीं विजयनगर के कृष्णदेव राय के साम्राज्य को देखने का अवसर मिला था जिसे अक्रांताओं ने खंडहर बना दिया था। चारो ओर टूटे हुए मंदिर थे, दूर दूर तक फैले इस खंडहर नुमा नगर को देख कर मन बैठा जा रहा था कि कैसे आक्रांताओं में हमारी संस्कृति और धरोहरों को नुकसान पहुंचाया था, नालंदा की याद आ गई जिसके पुस्तकालय छः महीने तक जले थे इस भीषण विनाश लीला के बावजूद हम अभी तक बचे हुए थे यह हमारे पूर्वजों के संघर्ष का परिणाम था और यह खंडहर हमलोगो के पीढ़ी को इस संघर्ष को जारी रखने हेतु प्रेरणा दे रहा था।

#हम्पी_में_होटल

 

हालांकि हम्पी से 13 किमी दूर होसपेट शहर है जहां पर एक नगर की सारी सुविधाएं मौजूद है होटल रेस्टुरेंट वैगेरह सभी लेकिन हम्पी में विरुपाक्ष मंदिर के निकट भी बहुत सारे होम स्टे है, थोड़ा बहुत घूमने पर हमें 600 रु में एक होम स्टे मिल गया। जिसका बाथरूम कॉमन था, लेकिन हमें आश्चर्य हुआ कि वैसे ही कमरों में कई विदेशी भी ठहरे हुए थे, कई तो महीनों से यही पड़े थे। हमारी योजना यहां दो दिन घूमने की थी इसलिए हमनें यहां होटल ले लिया था। पहले दिन तो ज्यादा नहीं घूम पाए शाम को तीन चार घंटे घूमे, लेकिन अगले दिन हम दोनो लोग एक एक साइकिल रेंट पर ले लिए और सुबह से शाम तक लगभग पूरा हम्पी नाप दिए। इसी बीच उन लोगो के अनुसार सुबह 9 बजे तक ही चेक आउट करना था इसलिए अपना कमरा खाली कर अपने  बैग उन लोगों के काउंटर के पास सुरक्षित स्थान पर रख निकल गए थे, घूम के वापस आए तो अपना बैग लिए और होसपेट के लिए निकल पड़े जहां हमारी ट्रेन रात को 10 बजे तिरुपति के लिए थी। अगले दिन भगवान तिरुपति के दर्शन करते हुए चेन्नई लौटने की योजना थी। रात में हॉस्पेट में बैठे तो सुबह तक तिरुपति पहुंच गए।

 

 

#तिरुपति_भगवान_के_दर्शन

Day 21 (09 जनवरी 2024)

 

तिरुपति स्टेशन पर उतरे तो वहां  स्टेशन पर ही तिरुपति पर्वतमाला जाने के लिए बस का टिकट मिल रहा था। हम लोगों ने तुरंत ही टिकट कटा कर तिरुपति पर्वतमाला की ओर चल दिए रास्ते में एक जगह सारे लोगों की बैग चेकिंग हुई फिर वहां पहाड़ी पर पहुंचने के बाद बस स्टैंड के पास ही सभी श्रद्धालुओं के लिए नहाने और लॉकर इत्यादि की व्यवस्था थी। चूंकि हम लोगों ने पूर्व से बुकिंग नहीं कराया था इसलिए हम लोगों को लंबे लाइन में लगना पड़ा। लाइन तो कुछ ही देर चली थी उसके बाद हम लोगों को एक बड़े से हाल में बंद कर दिया गया जिसमें पहले से करीब 500 लोग थे गेट पूरी तरह बाहर से लॉक हो गया था और कहा गया कि हमलोगों को करीब में 17 घंटे इसी में बिताने हैं बाहर मोबाइल भी जमा हो गया था, बीच में दो बार नाश्ता मिला हालांकि रात को 10:00 बजे जाकर गेट खुला और भगवान के दर्शन हुए। तब भी हमलोग करीब 10 घंटे एक ही जगह बिना मोबाइल के पड़े रहे, एक प्रकार से यह साधना ही था। क्योंकि जब इतने कष्ट के बाद जब दर्शन हुआ तो आपार आनंद की अनुभूति हो रही थी। हमलोग रात को ही 12 बजे चेन्नई के लिए चल दिए और सुबह तक चेन्नई में थे।

 

#घर_वापसी

Day 22-26 (10-14 जनवरी)

 

घर से निकले हमलोगो को 20 दिन से ऊपर हो गए थे इसलिए वापस लौटने का दबाव बहुत बढ़ गया था। इसके लिए हमने पूर्व से ही 12 को चेन्नई से बक्सर लिए एक टिकट बुक कर रखा था, 10 जनवरी को चेन्नई पहुंचा तो दो दिन आराम किया और 12 को अपनी वापसी वाली ट्रेन पकड़ ली जो कि लगभग 24 घंटे लेट 14 जनवरी को मेरे शहर बक्सर में पहुचाई।

इस प्रकार हमारी यह 26 दिवसीय यात्रा पूरी हो गई थी। और हमने पहली बार इतनी लंबी यात्रा करने की उपलब्धि प्राप्त की थी, उम्मीद है आगे इससे भी लंबी यात्रा करने का अवसर प्राप्त हो। आप लोगो को मेरा यह यात्रा विवरण कैसा लगा टिप्पड़ी अवश्य करें। धन्यवाद।