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मेरी नेपाल यात्रा, सितम्बर 2023

#यात्रा_वृतांत

#मेरी नेपाल यात्रा

by Alok Desh Pandey

दिनांक 17 सितंबर से 22 सितंबर 2023


 

दोस्तों अबकी बार हमारे कुछ भाईयो ने नेपाल यात्रा की योजना बनाई थी जिसमें मुझे भी शामिल कर लिया था, तो अपनी उस यात्रा के दौरान हुए कुछ अनुभवों को साझा कर रहा हूं जिससे अन्य लोग भी लाभान्वित हो सके।

 

#मेरी_यात्रा_कार्यक्रम

 

जनकपुर स्थित राम मंदिर

संक्षेप में मैं अपनी यात्रा कार्यक्रम बता दे रहा हूं। सबसे पहले हमलोग 17 सितंबर को आरा से बिहार के ही सीतामढ़ी गए जहां एक मित्र के यहां रात्रि विश्राम हुआ था, अगले दिन 18 को सीतामढ़ी से नेपाल के लिए प्रस्थान किए। सीतामढ़ी से कोई बिठा मोड़ जाना था जहां पहुंच कर हमलोग पैदल ही बॉर्डर पार किए। बॉर्डर पार कर वहां से जनकपुर के लिए साधन खोजने लगे लेकिन बहुत मुश्किल हुई अंततः जनकपुर एक ट्रक से लिफ्ट लेकर पहुंचे। वहां भी एक मित्र के यहां ही रात्रि विश्राम हुआ।

अगले दिन 19 सितंबर को हमलोग जनकपुर शहर घूमे, जिसमें  वहां के प्रसिद्ध जानकी मंदिर और राम मंदिर शामिल है। उसी दिन शाम को हमलोग काठमांडू का बस पकड़े और 20 सितंबर को सुबह काठमांडू में थे। वहां हमलोगों ने पशुपतिनाथ मंदिर के समीप ही एक होटल लिया जो 1200 भारतीय रु में 5 आदमी के लिए रूम उपलब्ध करा दिया।  उस दिन तो दिन भर आराम ही किए शाम को 07 बजे पशुपतिनाथ जी के आरती में सम्मिलित हुए लेकिन उस दिन दर्शन नहीं हो पाया क्योंकी आरती के तुरंत बाद दरवाजा बंद हो गया। अगले दिन सुबह नहा धो कर बाबा के दर्शन करने गए, फिर उसी दिन शाम को वापसी का भी टिकट कटा लिए। 21 को शाम को चले तो 22 को सुबह जनकपुर बॉर्डर पर थे, वहां से जयनगर के लिए एक टेंपू बुक किए और जयनगर ने वाया ट्रेन हाजीपुर फिर पटना फिर शाम तक अपने घर पहुंच गए।

 

कुछ विशेष अनुभव

 

#कठिन_बस_यात्रा

 

जनकपुर से हमलोगों की बस शाम को 06 बजे खुली लेकिन अगले दिन सुबह 07 बजे उतारी। कुल मिला कर यह 13 घंटे  की लगातार यात्रा थी। वो भी पहाड़ी मार्गो पर स्लीपर बस का संचालन नहीं होता है कि आप सो कर जा सके। तो थोड़ा मेरे लिए मुश्किल थी।

बस का मार्ग भी कुछ ऐसा था कि यह ज्यादा दूरी तय कर रही थी, करीब 400 किमी। सबसे पहले जब बस जनकपुर से खुलती है तो यह भारतीय सीमा के समानांतर चलते चलते गोरखपुर के सीमा के नजदीक नारायण गढ़ तक आती है जहां से फिर काठमांडू के लिए ऊपर चढ़ना शुरू करती है, अतः हमको लगता है कि रेल से गोरखपुर फिर वहां के नजदीकी सीमा से बस पकड़ने में काठमांडू के लिए बसयात्रा की अवधि थोड़ा कम हो जाएगी।

 

#करेंसी की दिक्कत

 

नेपाल में पहले करेंसी की दिक्कत नहीं होती थी, दोनो रुपए समान भाव से चलते थे लेकिन अभी वहां लोग भारतीय रुपया लेने से कतरा रहे है और ले भी रहे थे तो 100 के 150 ही दे रहे। वहां ऑनलाइन या एटीएम से ट्रांजेक्शन करना भी बहुत मुश्किल है अतः अपने साथ पर्याप्त मात्रा में कैश लेकर अवश्य जाए।

 

#सीतामढ़ी से जनकपुर के रास्ते में पर्याप्त साधन का अभाव

 

जब हमलोग सीतामढ़ी बॉर्डर पर कर नेपाल में घुसे तो पता चला कि यहां जनकपुर के लिए 3 घंटे के अंतराल पर बस चलती है। इससे मुस्किल का सामना करना पड़ा। हालांकि हमलोगों ने थोड़ा रोमांच करने के इरादे से एक ट्रक वाले से लिफ्ट मांगा जो आसानी से मिल गया। हालांकि उस ट्रक को हर एक दो किमी पर पुलिस वाले रोक कर बिना रसीद दिए एक प्रकार से रिश्वत वसूल रहे थे।

 

अबकी बार हमलोगो की योजना में केवल भगवान पशुपतिनाथ का दर्शन ही शामिल था सो उम्मीद है अगली बार नेपाल के अन्य हिस्से भी देखने को मिलेंगे। धन्यवाद।