अहिंसक क्रांति का भ्रम

"यूनानो-मिस्रो-रोमाँ सब मिट गए जहाँ से अब तक मगर है बाक़ी, नामो-निशाँ हमारा कुछ बात है कि हस्ती मिटती नहीं हमारी सदियों रहा है दुश्मन, दौरे-ज़माँ हमारा" .......…

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